कांटोला - Kantola Vegetable

कांटोला - Kantola Vegetable  

परिचय: 

राजस्थानी स्वादिस्ट व्यंजनों में एक सब्जी का रत्न कंटोला है जो एक बेल वाली सब्जी है, बरसात ऋतु मे होता है। कंटोला को कंकेडिया नाम से भी जाना जाता है यह एक ऐसी सब्जी है जो राजस्थान के दिलों और रसोई में एक विशेष स्थान रखती है। कांटोला का मनमोहक स्वाद हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता है और राजस्थानी लोग हर वर्ष बरसात ऋतु शुरू होते ही कंटोला ढूँढना चालू कर देता जो ज़्यादातर खेत की मेड़ों और खेजड़ी के पेड़ के तने पर मिलता है। कंटोला हरे रंग की बेल मे लगता हें और इसके फल कंटोला भी हरे रंग और अंडाकार आकृति का होता है।

कांटोला - Kantola Vegetable
कांटोला - कंकेडिया

कुकुर्बिटेसी (वानस्पतिक नाम) परिवार से संबंधित, जो राजस्थानी व्यंजनों में लोकप्रिय है। यह साधारण सब्जी राजस्थान के शुष्क परिदृश्यों में पनपती है, जहां यह कठोर रेगिस्तानी जलवायु को अनुग्रह और लचीलेपन के साथ सहन करती है। कंटोला को उसके विशिष्ट स्वाद और बनावट के लिए पसंद किया जाता है, जिससे यह राजस्थानी रसोई में एक बेशकीमती सामग्री बन जाती है।

कंटोला एक कम कैलोरी वाली सब्जी है। 

कंटोला की प्रति 100 ग्राम मात्रा में पोषक तत्व की मात्रा इस प्रकार है:

कैलोरी: 17 किलो कैलोरी,

कार्ब्स: 7.7 ग्राम

फाइबर: 3.0 ग्राम

प्रोटीन: 3.1 ग्राम

वसा: 0.3 ग्राम

कैल्शियम: 26 मिलीग्राम

मैग्नीशियम: 14 मि.ग्रा

पोटैशियम: 370 मि.ग्रा

सोडियम: 58 मि.ग्रा

विटामिन बी6: 0.1 मिलीग्राम

विटामिन सी: 20 मिलीग्राम

राजस्थान के पकवानो मे राजस्थानी व्यंजनो का स्वाद, रंग और बनावट का विशेष महत्व और प्रसिद्ध है, इन पकवानो मे कंटोला एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फ्राईड सब्ज़ी से लेकर तीखे अचार और मसालेदार चटनी तक, कंटोला व्यंजनों की एक विस्तृत श्रृंखला में अपना अनूठा स्वाद और सुगंध देता है। मसालों में प्याज और टमाटर के साथ पकाया जाता हें, कंटोला पारंपरिक राजस्थानी व्यंजन में अतिरिक्त तड़का लगा देता है। कंटोला की सब्जी चावल या रोटी के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। कंटोला का अचार तीखा और मसालेदार होता हें, यह अचार राजस्थानी भोजन को एक लोकप्रिय और स्वादिस्ट व्यंजन बना देता है।

कंटोला कई तरह के स्वास्थ्य लाभों मे सहायता करता है। 

विटामिन, खनिज और खाद्य फाइबर से भरपूर होता हें, जो पाचन शक्ति बढ़ाने, रोगप्रतिरोधक छमता को बढ़ावा देता है। कंटोला को अपने आहार में शामिल करना आपके शरीर को पोषण देने और आपके खाने का स्वाद बढ़ाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।

राजस्थान में सांस्कृतिक महत्व से कंटोला एक सब्जी से कहीं अधिक है उत्सवो की दावतों से लेकर रोजमर्रा के भोजन तक, कंटोला राजस्थानी पाक संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। त्योहारों, समारोहों और अनुष्ठानों में इसकी उपस्थिति एक मौसमी सब्ज़ी और राजस्थानी विरासत के रूप में इसके महत्व को रेखांकित करती है।

राजस्थान में कंटोला खेती करणे मे कोई खर्चा नहीं होता क्योकि यह अपने आप ही उगता हें और बरसात के पानी से ही हो जाता हैं। कुछ वर्षो से राजस्थान के किसान इसकी खेती भी करने लग है। किसान शुष्क इलाके में कंटोला की खेती के लिए पारंपरिक तकनीकों को अपनाते हैं, जिससे साल दर साल भरपूर फसल सुनिश्चित होती है। स्थानीय किसानों का समर्थन करके और टिकाऊ कृषि को अपनाकर, हम आने वाली पीढ़ियों के आनंद के लिए राजस्थान में कंटोला खेती की समृद्ध परंपरा को संरक्षित कर सकते हैं।

निष्कर्ष: जैसे ही हम राजस्थान में कंटोला के स्वादों, परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत का स्वाद लें जो इस साधारण सब्जी को इतना खास बनाते हैं कि चाहे स्वादिष्ट सब्जी, तीखा अचार या सुगंधित करी में आनंद लिया जाए, कंटोला दुनिया भर में राजस्थानियों के दिल और तालू जरूर लुभाता रहेगा है। राजस्थान में कंटोला सांस्कृतिक महत्व तक का एक गहन अनुभव कराता है और कराता रहेगा।

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Disclaimer: कंटोला की पोषण सामग्री और स्वास्थ्य लाभों के बारे में इस ब्लॉग पोस्ट में प्रस्तुत जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और यह पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है।

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